| 1. | (1) सभी कशेरुकीय जंतुओं में द्विपार्श्व सममिति (
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| 2. | ऐसी प्रणाली को कुंतल भेदन (स्पाइरल क्लीवेज) कहते हैं, पर इनका अंतिम परिणाम द्विपार्श्व सममिति होती है।
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| 3. | द्विपार्श्व सममिति में प्रथम विभाजन रेखा खरबूजे की धारी की तरह (मेरिडियनल) होती है, जिसके फलस्वरूप दो कोश बनते हैं।
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| 4. | अधिकतर किरीटी द्विपार्श्व सममिति (Bialateral Synmetry) वाले होते हैं, परंतु कुछेक बाहरी अंगों के कारण असममित मालूम पड़ने लगते हैं।
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